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डॉ.गोविंद चातक की स्मृति पर आछरीखुंट इंटर कॉलेज का नाम, प्रसिद्ध लोकसाहित्यकार गोविंद चातक की पुण्यतिथि पर ईश्वरी प्रसाद उनियाल सम्मानित

डॉ.गोविंद चातक की स्मृति पर आछरीखुंट इंटर कॉलेज का नाम, प्रसिद्ध लोकसाहित्यकार गोविंद चातक की पुण्यतिथि पर ईश्वरी प्रसाद उनियाल सम्मानित

घण्डियालधार (लोस्तु)। लोकसाहित्य विशेषज्ञ और गढ़वाली-हिंदी लेखक डॉ.वीरेंद्रसिंह बर्त्वाल ने दोस्ती के सबसे प्राचीन राजकीय इंटर कॉलेज आछरीखुंट का नाम इस क्षेत्र के प्रसिद्ध साहित्यकार रहे डॉ.गोविंद चातक के नाम पर रखने की मांग की। डॉ.चातक की जयंती पर आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डॉ.बर्त्वाल ने कहा कि हिन्दी और गढ़वाली साहित्य को अथाह सामग्री देख गये चातक जी के ऋण से उऋण होने के लिए यह पहल की जानी आवश्यक है।
आखर
‘डॉ. गोविन्द चातक जयंती ‘ के उपलक्ष्य पर आखर ट्रस्ट विगत कई वर्षों से ऐसे कार्यक्रम करता आ रहा है। पहली बार चातक जी की जन्मभूमि में आयोजित  कार्यक्रम में देहरादून के ईश्वरी प्रसाद उनियाल को  गढ़वाली समाचार पत्रों के माध्यम से गढ़वाली भाषा के प्रचार -प्रसार में अमूल्य योगदान देने हेतु मिला ‘डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान-वर्ष 2022’ दिया गया।

आखर चैरिटेबल ट्रस्ट (श्रीनगर )द्वारा  घण्टाकर्ण देवता मंदिर परिसर,घण्डियालधार (लोस्तु) में ‘डॉ. गोविन्द चातक जयंती ‘के उपलक्ष्य पर विगत वर्षों की भांति ‘ डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान’ एवं ‘डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘ समारोह का आयोजन किया गया। गढ़वाली भाषा के प्रचार -प्रसार में गढ़वाली समाचार पत्रों के माध्यम से अमूल्य योगदान देने हेतु वर्ष -2022का ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘  विगत 25 वर्षों से निरंतर देहरादून से प्रकाशित गढ़वाली साप्ताहिक रंत रैबार के सम्पादक एवं प्रकाशक श्री ईश्वरी प्रसाद उनियाल को प्रदान किया गया।
गढ़वाली भाषा -साहित्य, शिक्षा को समर्पित   आखर ट्रस्ट के कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा -साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक जी के अवदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया।
मुख्य अतिथि  केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग में हिंदी के सहायक प्रोफेसर एवं लोक साहित्य विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल कहा कि- ‘डॉ.चातक जी का गढ़वाल के लोक साहित्य को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण  योगदान दिया। वे यहां के लोक साहित्य के पहले अनुवादक भी थे।उन्होंने यहां के सम्पूर्ण लोक साहित्य काे लिपिबद्ध करने का अतुलनीय कार्य किया। ‘
कार्यक्रम अध्यक्ष एवं श्री घण्टाकर्ण देवता मंदिर के अध्यक्ष कैप्टन श्री सते सिंह भंडारी ने कहा कि -‘डॉ. चातक जी  की जयन्ती के अवसर पर उनकी स्मृति में
प्रति वर्ष ‘आखर ट्रस्ट ‘ द्वारा जो कार्यक्रम आयोजित किया जाता है वह  प्रशंसनीय कार्य है और इस क्षेत्र के लिए बड़ी बात है कि यह कार्यक्रम इस बार डॉ. चातक जी के पैतृक घर के पास हो रहा है।’
अति विशिष्ट अतिथि एवं श्री घण्टाकर्ण देवता मंदिर के रावल श्री दिनेश प्रसाद जोशी ने कहा कि – ‘इस क्षेत्र की ‘डॉ.गोविन्द चातक जी जैसी महान विभूति को याद करना और उन पर कार्यक्रम आयोजित करना हम सभी क्षेत्र वासियों के लिए गौरव की बात है। यहाँ की जनता एवं नई पीढ़ी को इस बात का पता होना आवश्यक है कि  डॉ. गोविन्द चातक जैसी महान विभूति इस क्षेत्र में पैदा हुई।’
ईश्वरी प्रसाद उनियाल ने कहा कि – ‘डॉ.चातक जी से उनका पत्राचार होता था।गढ़वाली भाषा, लोक साहित्य में डॉ.चातक का महत्वपूर्ण योगदान है।आज बहुत लेखक काम कर रहे हैं।हमने हमेशा अपने गढ़वाली समाचार पत्रों के माध्यम से नए लेखकों को मंच देने की कोशिश की।
हे.न.ब. ग.के. विश्वविद्यालय पौड़ी परिसर की इतिहास की सहायक प्रोफेसर  डॉ. नीलम नेगी ने चातक जी के व्यक्तित्व, कृतित्व, गढ़वाली लोक साहित्य, गढ़वाली भाषा एवं हिंदी साहित्य के क्षेत्र में डॉ.गोविन्द चातक जी द्वारा दिए गए अवदान पर बात रखी।
विशिष्ट अतिथि श्री रघुवीर सिंह कंडारी ने कहा कि -‘आखर ट्रस्ट द्वारा यहां की डॉ. चातक जैसी विभूतियों को याद किया जाना और इस तरह के कार्यक्रम  आयोजित करना एक सराहनीय कार्य है।’
आखर के अध्यक्ष संदीप रावत ने कहा कि- ‘जब भी उत्तराखंड के लोक साहित्य का जिक्र होगा तो लोक साहित्यकार एवं भाषाविद्  डॉ. चातक जी का जिक्र  अवश्य होगा। डॉ.चातक जी को गढ़वाली लोक साहित्य का देवता माना जा सकता है।’
इस अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज धद्दी घंडियाल और राजकीय इंटर कॉलेज आछरीखुंट के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
अतिथियों का स्वागत ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत ने किया। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के सदस्य एवं हे.न. ब. केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ.नीतेश बौंठियाल ने किया।
इस अवसर पर श्री घण्टाकर्ण देवता के पश्वा सोहन सिंह कैंतुरा,मंदिर समिति के ओम प्रकाश गोदियाल, रघुवीर भंडारी,डॉ.चातक जी के गांव सरकासैण से उनके भतीजे  राजेंद्र सिंह कंडारी एवं अन्य , डॉ.गोविन्द चातक जी के परिवार  से उनके पौत्र सौरभ बिष्ट,बृजमोहन गोदियाल,महिला मंगल दल घंडीयालधार की अध्यक्ष पिंकी देवी,अरुण बिष्ट,राजेंद्र सिंह कैंतुरा,जिला पंचायत सदस्य अमित मेवाड़,देहरादून से  रघुवीर सिंह कठैत आदि उपस्थित थे।

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