Sunday, April 27, 2025
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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के छठे निदेशक बने प्रो.सुब्रह्मण्यम

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के छठे निदेशक बने प्रो.सुब्रह्मण्यम

छात्रवत्सल,कुशल प्रशासकों में हैं शुमार,देवप्रयाग परिसर को श्रेष्ठ बनाने का लिया संकल्प

डॉ.वीरेंद्रसिंह बर्त्वाल

देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग के नये निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम बनाये गये हैं। उन्होंने बुधवार को पदभार ग्रहण कर लिया है। वे भोपाल परिसर में ज्योतिष के प्रोफेसर थे। इससे पहले वे हिमाचल के गरली और लखनऊ परिसरों में सेवाएं दे चुके हैं। आज पदभार ग्रहण करने के मौके पर परिसर परिवार की ओर से उनका स्वागत एवं सम्मान किया गया।
गौरतलब है कि 2016 में स्थापित देवप्रयाग परिसर में 5 निदेशक रह चुके हैं। प्रो.सर्वनारायण झा, प्रो.के.बी.सुब्बारायुडु, प्रो. बनवाली बिश्वाल और प्रो. विजयपाल शास्त्री इस पद को सुशोभित कर चुके हैं। निवर्तमान निदेशक प्रो. एम. चंद्रशेखर ने प्रो.सुब्रमण्यम को पदभार सौंपा।
सिद्धांत ज्योतिष में पीएचडी और नेट/जेआरएफ प्रो.चंद्रशेखर तीन पुस्तकें लिख चुके हैं और 18 शोधार्थियों को पीएचडी करा चुके हैं। उन्होंने छह पुस्तकों का संपादन किया,अनेक संगोष्ठियों में पत्रवाचन किया और 25 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।
पदभार ग्रहण करने के बाद परिसर के प्राध्यापकों तथा छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम में नवनियुक्त निदेशक ने परिसर में श्रेष्ठ शैक्षणिक वातावरण बनाने पर जोर देते हुए कहा कि छात्रों की हर समस्या का समाधान त्वरित गति से किया जाएगा। उन्होंने कार्यालय में शिकायत पेटिकाएं लगवाने की बात कही और कहा कि शिक्षण अवधि में 4 बजे से पहले परिसर में कोई अन्य कार्यक्रम नहीं होंगे,ताकि अध्ययन-अध्यापन का कार्य बाधित न हो। उन्होंने देवप्रयाग परिसर को श्रेष्ठ परिसर बनाने का संकल्प लेते हुए कहा कि यह कैंपस पूरी तरह छात्र केंद्रित होगा। गौरतलब है कि प्रो.सुब्रह्मण्यम को छात्र वत्सल माना जाता है। हिमाचल में छात्रों के बीच उन्हें बहुत लोकप्रियता मिली है। वे बहुत कम उम्र निदेशक भी हैं।
बुधवार को छात्रों एवं अध्यापकों के साथ नवनियुक्त निदेशक के संवाद कार्यक्रम से पूर्व परिसर परिवार की ओर से प्रो.सुब्रह्मण्यम का स्वागत और सम्मान किया गया। न्याय विभाग संयोजक डॉ.सच्चिदानंद स्नेही ने उनका परिचय प्रस्तुत किया। संचालन वेद विभाग संयोजक डॉ.शैलेन्द्रप्रसाद उनियाल ने किया। धन्यवाद डॉ.श्रीओम शर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ.शैलेन्द्रनारायण कोटियाल,डॉ.सुशील बडोनी,डॉ.वीरेंद्र बर्त्वाल,डॉ.अनिल कुमार,डॉ.अरविंद गौर,डॉ.दिनेशचन्द्र पाण्डेय,डॉ.अंकुर वत्स,डॉ.सुधांशु वर्मा,डॉ.अमंद मिश्र,डॉ.अवधेश बिजल्वाण,डॉ.मौनिका बोल्ला,डॉ.मनीषा आर्या,रघु बी.राज आदि उपस्थित थे।

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