उत्तराखंड

नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन की थीम पर इस वर्ष हरेला- सीएम धामी

नदियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन की थीम पर इस वर्ष हरेला पर्व मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा विकास एवं पर्यावरण में संतुलन होना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
सीएम धामी ने पौधारोपण कर दिया ये संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हरेला पर्व के अवसर पर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के निकट वन विभाग द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को, पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ने वाले पारंपरिक पर्व हरेला की शुभकामनाएं दी।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखंड की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
हरेला पर्व पर 15 लाख से ज्यादा लगाए जाएंगे वृक्ष, 50 प्रतिशत फलदार होंगे

वन मंत्री  सुबोध उनियाल ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए इस पर्व को सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा पौधारोपण एवं प्रकृति के संरक्षण से ही हम शुद्ध हवा, शुद्ध जल एवं अन्य प्राकृतिक लाभ ले सकते हैं। एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमने अपने भविष्य को संवारना होगा एवं पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा । पौधों के संरक्षण एवं प्रकृति की स्वच्छता का कार्य प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उनियाल ने युवाओं से विशेष आग्रह करते हुए पौधारोपण एवं स्वच्छता कार्यक्रमों पर ज्यादा से ज्यादा अपना सहयोग देने की बात कही  और कहा कि हरेला पर्व पर प्रदेश में 15 लाख वृक्ष लगाए जायेंगे। जिनमें 50 प्रतिशत फलदार पौधे होंगे।

कांवड़ यात्रा में आने वाले श्रद्धालु भी करेंगे वृक्षारोपण
 
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला पर्व पर नदियों के जीवन और संरक्षण के लिए पूरे माह वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाया जाएगा। सीएम ने कहा कि इस बार कांवड़ में आने वाली शिव भक्त भी वृक्षारोपण करेंगे, इसके लिए वन विभाग द्वारा उनको पौधे उपलब्ध कराये जाएंगे। सीएम धानी ने कहा कि आज के दिन हम ये भी संकल्प लें कि हम प्रकृति का संरक्षण करेंगे और प्रकृति के लिए अपना पूरा योगदान देंगे।

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