साहब! यहां भी आई है आपदा, टिहरी बडियारगढ़-लोस्तू,जिसकी सुध किसी को नहीं
कभी-कभार मीडिया के लोग ऐसे क्षेत्रों की रिपोर्टिंग से न जाने क्यों, न जाने किस कारणवश, चूक जाते हैं, जहां तबाही का मंजर तो होता है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं होता। शुक्रवार की रात से शनिवार तक बरसी आफत की बारिश की तस्वीरें जो आपने देखी, वो वही देखी जो किसी मीडिया संस्थान ने जहां अपने रिपोर्टरों को भेजा या फिर जो किसी स्थान विशेष के नाम पर फेमस हैं। लेकिन कई ऐसी अछूती जगहों पर, जहां लोगों ने अपनी रातें दहशत में गुजारी, वहां की सुध न किसी मीडिया संस्थान ने ली, न ही प्रशासन ने!
यहां भी आपदा आई है साहब !
टिहरी जिले के बडियारगढ़-लोस्तू क्षेत्र में लोगों के खिलखिलाते खेत पानी के तेज़ बहाव में बह गये। यहां कई गांवों को जोड़ने वाले पुल बह गये। ना ही ये तस्वीरें किसी मीडिया संस्थान के टेलीविजन पर आपको दिखाई दी होंगी, न ही किसी मीडिया संस्थान की डिबेट में। इस क्षेत्र में न ही कोई प्रशासन के लोग आये, न ही इस आपदा से लोगों को कोई मुआवजा देने की बात हुई। लोग अपनी रातों को अपने ही भरोसे बिताते दिखाई दिये।
यहां हुआ बड़ा नुकसान
तेगड़ जो इस क्षेत्र का मुख्य बाज़ार है इसके करीब झंणगुली के पास का पुल बह गया। लोस्तू का पांडव गांव में लोगों के खेत बह गये, लोग पूरी रात दहशत में रहे, ना ही प्रशासन, न ही सरकार से कोई उम्मीद। वो तो यहां के कुल देवताओं की ही कृपा रही होगी, कि कोई बड़ी जनहानी नहीं हुई।
अध्यक्ष ग्राम पांडव विकास समिति के अध्यक्ष ने कही ये बात
रात को पांडव गांव में बिजली गिरी और कई रास्ते, खेत खलियान बह गये। गांव के मकानों पर भी इसका असर देखने को मिला। प्रशासन को इसकी कोई खबर नहीं है। पटवारी सोए हैं। बुजुर्ग महिलाएं, बच्चे सब यहां इस भीषण मंजर को देखकर सहमें हुए हैं।