विश्व धरोहर फूलों की घाटी शीतकाल के लिए बंद हुई
जोशीमठ।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज पार्यटको को शीतकाल के लिए बंद हो गईं है, फूलों को घाटी के यात्रा पड़ाव वन विभाग की गेट से अब घाटी जानें की अनुमति नही होगी,
कोरोना काल के बाद विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस बार रिकॉर्डतोड़ पर्यटक पहुंचे हैं। अब तक 20,827 देशी विदेशी पर्यटको ने घाटी का दीदार कर चुके है, इस वर्ष घाटी मे सबसे अधिक पर्यटक आने और आय का रिकार्ड बना है, जिसमे 280 विदेशी पर्यटक भी है, वन विभाग को अबतक 31,73,400 की आय हो चुकी है। पिछला रिकॉर्ड 2019 में 17424 पर्यटको का था और आय 27,60,825 रूपए की थी।
घाटी में इस साल देशी विदेशी पार्यटको से गुलजार रहने से पर्यटन व्यवसायियों को भी अच्छी आमद हुईं है
फूलो की घाटी दुनियां की इकलौती जगह है जहां प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते है, फूलों की घाटी की खोज ब्रिटिश प्रवतारोही फ्रैंक 5स्मिथ न 1932 में किया था जब कामेट पर्वत आरोहण के वाद रास्ता भटक कर यहां पहुंच गए थे, और ये जगह इतनी पसद आई को कई दिन यहां रहे यहां से फूलों के सैंपल भी लें गाए, और वैली ऑफ फ्लावर नाम से किताब लिखी जभी से घाटी को देश और दुनियां में पहचान मिली, फूलों को घाटी जैव विविधता का खजाना है, यहां पर दुर्लभतम प्रजाति के वन्य जीव जंतु, पशु पक्षी पाए जाते है इसकी जैव विविधता को देखते हुए यूनिस्कों ने इसे 2005 में विश्व धरोहर घोषित किया 87.5वर्ग क्षेत्रफल में फैली घाटी में जैव विविधता का खजाना है