बंद हुए द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट
रुद्रप्रयाग। द्वितीय केदार मद्महेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल के लिए आज प्रात: 8 बजे विधि-विधान से बंद हो गये है।
प्रात: चार बजे मंदिर खुलने के के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर के निर्वाण दर्शन किए। इसके पश्चात पुजारी शिवशंकर लिंग ने भगवान मद्महेश्वर को समाधि पूजा शुरू की तथा भगवान को भस्म, भृंगराज फूल,बाघांबर से ढक दिया। इस तरह भगवान मद्महेश्वर को समाधिरूप दिया गया। इसके साथ ही भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये।
कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली को मंदिर परिसर में लाया गया। इस दौरान भगवान मद्महेश्वर ने अपने भंडार, वर्तनों का निरीक्षण भी किया।
इसके पश्चात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली रात्रि विश्राम के लिए गौंडार प्रस्थान हुई। 19 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी, 20 नवंबर को गिरिया पहुंचेगी। कार्याधिकारी आर सी तिवारी एवं मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि 21 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इस अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री मद्महेश्वर मेले का भी आयोजन होता है।