सोच-समझकर करें इंटरनेट और सोशल साइट का इस्तेमाल,केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में साइबर अपराध को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला
सोच-समझकर करें इंटरनेट और सोशल साइट का इस्तेमाल,केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में साइबर अपराध को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला
देवप्रयाग। इंटरनेट और सोशल साइटों के जितने लाभ हैं, उससे कहीं अधिक नुकसान भी हैं। इनका इस्तेमाल करते समय एक छोटी-सी चूक आपके आर्थिक, पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर भारी पड़ सकती है। अतः इनके इस्तेमाल करते समय बेहद सजग रहने की आवश्यकता है।
यह बात केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में साइबर अपराध को लेकर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कही। परिसर की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) विंग के तत्त्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में फाइंड फिन फाउंडेशन संस्था की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में संस्थापक विनोद डोभाल ने साइबर अपराधों का वर्गीकरण करते हुए उनकी संख्या गिनाई और छात्रों का आह्वान किया अपनी निजी सूचनाएं बिल्कुल भी सोशल साइटों पर न डालें। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है। यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि आज के स्मार्ट फोन कंप्यूटर से भी एडवांस्ड हैं। हमें इनसे जितनी सुविधाएं मिल रही हैं, उतने ही इनसे अपराधी अपराध भी कर रहे हैं। आज फिशिंग, डिजिटल अरेस्ट, हैकिंग, साइबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे अनेक प्रकार के अपराध हो रहे हैं। किसी अनजान व्यक्ति के मांगने पर कोई भी सूचना उपलब्ध न कराएं। पासवर्ड कठिन से कठिन बनाएं, ताकि अपराधी अनुमान के आधार पर उसे खोज न सकें। इंटरनेट पर निजी कार्य के लिए वाईफाई का इस्तेमाल न करें। फोन पर केवल एक-दो जरूरी एप ही रखें तथा फोन को समय-समय पर अपडेट करते रहें। सोशल साइट पर पोस्ट, लाइक और कमेंट सोच,समझकर करें। अपने फोन पर कोई अवांछित चित्र न रखें। ये सभी साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। बच्चों को साइबर अपराधों से बचने के अनेक उपाय बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई साइबर अपराधों का शिकार हो जाता है तो पुलिस के नंबर-1930 पर शिकायत करें तथा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के साथ ही चक्षु साइट और संचार साथी एप शिकायत दर्ज कराएं।
इस अवसर पर निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने बच्चों को साइबर अपराध संबंध महत्त्वूर्ण जानकारियां देने के लिए संस्था का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने संस्था के पदाधिकारियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन रजत गौतम छेत्री ने किया। इस अवसर पर फाइंड फिन के प्रोजेक्ट मैनेजर आशुतोष, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 सुरेश शर्मा, डॉ0 वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल समस्त कर्मचारी तथा छात्र उपस्थित रहे।