सीवर लाइन खोदने निकल पड़े निदेशक, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर का मामला, विभाग बरत रहे थे लापरवाही
सीवर लाइन खोदने निकल पड़े निदेशक, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर का मामला, विभाग बरत रहे थे लापरवाही
देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर ने आज उन अधिकारियों को आईना दिखाया, जो अपने काम में धींगामुश्ती कर अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर थोपते हैं। लगभग एक महीने से सड़क पर टूटी सीवर लाइन की मरम्मत करने संबंधित विभाग आगे नहीं आये तो परिसर निदेशक गैंती, फावड़ा और सब्बल लेकर स्वयं लाइन को खोदने निकल गये। सैकड़ों छात्र और अन्य अध्यापक थी साथ थे। घंटों की खुदाई और मिट्टी हटाने के बाद वह स्थान मिल गया, जहां पर लाइन टूटी होने के कारण लीक हो रही थी। तात्कालीन व्यवस्था कर सड़क पर गंदगी बहनी बंद कर दी गयी। अब इसे जोड़ना शेष रह गया। सीवर लाइन पर कचरा भी फंसा हुआ था। इस प्रकार परिसर के स्वयं के इस प्रयास से इस जटिल समस्या का समाधान हो गया।
श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में आवासीय व्यवस्था है। यहां लगभग छह सौ छात्रों तथा लगभग 30 कर्मचारी परिवारों के रहने के लिए आवासों की व्यवस्था है। आवासीय क्षेत्र से मोटे पाइप के माध्यम से गंदगी सीवर शोधन प्लांट में जाती है। यह प्लांट जलसंस्थान के जिम्मे है। उक्त पाइप देवप्रयाग-पौड़ी सड़क से होकर गुजरता है। लगभग एक माह पहले इस सड़क से परिसर की ओर जाने वाली लिंक रोड के निकट मलबा आ गया। रेलवे से संबंधित सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी द्वारा उस मलबे को हटाते समय उक्त लाइन कहीं से टूट गयी। तभी से गंदगी सड़क पर रिसकर 40-50 मीटर दूर तक बहने लगी। परिसर प्रशासन ने इस समस्या के निस्तारण के लिए जलसंस्थान, नगर निगम और परिसर भवनों की निर्माण एजेंसी केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग से आग्रह किया। परिसर जलसंस्थान द्वारा इसके लिए नियुक्त किये गये ठेकेदार से संपर्क बनाये रहा, परंतु एक माह बाद भी समस्या जस की तस रही। हाल ही में रेल विकास निगम ने प्रशासन को इसके लिए परिसर को जिम्मेदार ठहराते हुए पत्र लिखा और इसका समाधान करने का अनुरोध किया, जबकि यह सीवर लाइन परिसर की सीमा से बाहर है। श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में इन दिनों स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है। परिसर प्रशासन ने इसके अंतर्गत सीवर लाइन को दुरुस्त करने का फैसला लिया।
निदेशक प्रो0 सुब्रह्मण्यम ने कमान संभालते हुए भारी संख्या में छात्रों तथा कुछ अध्यापक उक्त स्थल पौड़ी रोड पर पहुंचे। निदेशक ने पहले गैंती और फावड़ा संभाला। करीब तीन घंटे तक सभी लोग अथक परिश्रम के साथ खुदाई करते रहे। इसके बाद समस्या का समाधान निकल पाया। जहां पर सीवर लाइन पाइप टूटने के कारण लीक हो रही थी, वह स्थान मिल गया। सीवर पाइप पर कचरा भी फंसा हुआ था। इन लोगों ने तात्कालिक व्यवस्था कर दी, जिससे सड़क पर गंदगी बहना बंद हो गयी है। अब उसे स्थायी तौर पर जोड़ना शेष रहा गया है।
निदेशक प्रो0 सुब्रह्मण्यम ने बताया कि इस संवेदनशील और जनमुद्दे पर तीन-चार विभागों की हीलाहवाली दुर्भाग्यपूर्ण है। हम विभागों से संपर्क करते-करते थक गये थे। परिसर के निकट सीवर लाइन लीक होने के कारण हमें राहगीरों और स्थानयी लोगों की चिंता बनी हुई थी। जब संबंधित विभागों ने इस समस्या के निस्तारण करने में कोई गंभीरता नहीं दिखायी तो हमारे पास यही एकमात्र रास्ता था कि स्वयं ही मैदान में उतरें और हम उसमें सफल रहे। संभवतः विभागों को इस घटना से सबक मिलेगा। हमने स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत यह कार्य किया है। हम आज तक परिसर के अंदर स्वच्छता अभियान चलाये हुए थे, आज हमने परिसर के बाहर जनहित में भी इसे चलाया। हमने अपना ही कार्य मानकर इसे कर दिखाया।