Monday, January 20, 2025
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समाज के प्रति संस्कृत छात्रों के बड़े दायित्व,विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट रहे छात्रों को दिए प्रमाण-पत्र, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग में धूमधाम से मना गणतंत्र दिवस

समाज के प्रति संस्कृत छात्रों के बड़े दायित्व,विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट रहे छात्रों को दिए प्रमाण-पत्र, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग में धूमधाम से मना गणतंत्र दिवस

देवप्रयाग। केंद्रीय विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग में गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न गतिविधियों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र और पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने छात्रों का आह्वान किया कि वे अध्ययन के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी भागीदारी निभाएं।
प्रातः 9.45 बजे परिसर के क्रीड़ा मैदान में निदेशक प्रो. सुब्रह्मण्यम ने झंडारोहण किया। इसके बाद छात्र-छात्राएं भारत माता की जय के नारे लगाते हुए योग हॉल में एकत्र हुए। वहां विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेड़ी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वे कर्तव्यनिष्ठ बनें। हम अधिकार तभी मांग सकते हैं,जब कर्तव्यों का उचित निर्वाह करें। कुलपति ने कहा कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में अब संस्कृत शास्त्रों के साथ ही विधि (एलएलबी) की भी पढ़ाई होगी। हम चाहते हैं कि संस्कृत के छात्र अध्यापक-प्राध्यापक ही नहीं, सर्वोच्च न्यायालय के जज भी बनें।
इस अवसर पर परिसर निदेशक ने छात्रों को कक्षाओं में नियमित तौर पर उपस्थित होने का महत्त्व बताया और उपस्थिति की निरंतरता के लिए शीघ्र ही अभिभावक-अध्यापक(पैरेंट्स-टीचर)बैठक आयोजित करने की बात कही। धार पयांकोटी, ढुंडसिर, कड़ाकोट स्थित श्री घंटाकर्ण देवता के अनुष्ठान में प्रस्तुतियां देने वाली परिसर की टीम में शामिल विद्यार्थियों को इस मौके पर पारितोषिक और प्रमाण-पत्र निदेशक ने प्रदान किये। राज्यस्तरीय शास्त्रीय स्पर्धाओं तथा युवा महोत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी पदक और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि छात्रों को सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेना होगा,यही अध्ययन की सार्थकता है। जितना महत्त्वपूर्ण और आवश्यक प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना है, उतना ही आवश्यक अनुशासित होना तथा विश्वविद्यालय,समाज और राष्ट्र की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को मिष्ठान वितरण किया गया। कार्यक्रम में समस्त अध्यापक और कर्मचारी भी उपस्थित थे।

(डॉ.वीरेंद्रसिंह बर्त्वाल, जनसंपर्क अधिकारी)

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