Monday, January 20, 2025
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कामचोरी और लापरवाही भी भ्रष्टाचार के दायरे में, दायित्व निर्वाह में तत्पर रहें छात्र और कर्मचारी_सुब्रह्मण्यम, केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाया

कामचोरी और लापरवाही भी भ्रष्टाचार के दायरे में, दायित्व निर्वाह में तत्पर रहें छात्र और कर्मचारी_सुब्रह्मण्यम, केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाया

देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों ने झंडारोहण के बाद शोभायात्रा निकालकर जबरदस्त जयघोष किया। इसके पश्चात आयोजित कार्यक्रम में निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने बच्चों को अपने कर्तव्यों का बोध कराते हुए दायित्वों के निर्वाह की प्रेरणा दी।


परिसर के खेल मैदान में लगभग सवा नौ बजे झंडारोहण निदेशक प्रो.सुब्रह्मण्यम ने किया। इसके पश्चात समस्त छात्रों तथा अध्यापकों एवं कर्मचारियों ने योग सभागार तक शोभायात्रा निकाली। वहाँ आयोजित कार्यक्रम में निदेशक प्रो. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ हर काम में मनमानी करना नहीं है। इसका अर्थ है कि हम अपने विकास के लिए स्वतंत्र हैं। हम अपनी उन्नति के लिए और राष्ट्र के विकास के लिए कार्य करने को स्वतंत्र हैं। हमारे संविधान ने हमें कतिपय सीमाओं के साथ मौलिक अधिकार प्रदान किये हैं। प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह देश की उन्नति और विकास में योगदान दे। जब कोई राष्ट्र समृद्ध, विकसित और सुरक्षित होता है तभी वहां के नागरिक भी सुविधा संपन्न होते हैं। कोई भी संस्था यदि दायित्वों का निर्वाह सही ढंग से करती है तो इसका प्रभाव देश पर पड़ता है। देश अनेक इकाइयों से मिलकर बना होता है,जिनमें परिवार, राज्य, संस्थाएं इत्यादि हैं। हमें इन बातों के दृष्टिगत अपने कर्तव्य का ध्यान रखना चाहिए और उनका निर्वाह करना चाहिए तथा अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरणा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बचपन और युवावस्था से ही बच्चों में दायित्व बोध की भावना उत्पन्न होनी चाहिए। यदि देश के अधिकांश नागरिकों के मन मस्तिष्क में दायित्व बोध और निर्वाह की बात बैठ जाए और सभी लोग इसका पालन करना शुरू कर देंगे तो यह हमारे देश की बेहतर उन्नति और और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। निदेशक ने कहा कि भ्रष्टाचार केवल गबन-घपला तक ही सीमित नहीं। कामचोरी,लापरवाही और धोखा भी भ्रष्टाचार की परिधि में आते हैं। अतः इनसे सभी को बचना होगा। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने कविता,गीत और भाषणों की प्रस्तुतियां दीं। छात्रों में तबला वादन और बांसुरी वादन प्रतिभा का भी बखूबी परिचय दिया।

 

प्रतिभा प्रदर्शन करने वाले छात्रों में मधु,श्रेष्ठा, शिवानी ठाकुर,ओम थपलियाल, चंडी प्रसाद, धनंजय देवराड़ी इत्यादि शामिल थे। इस अवसर पर डॉ. अरविंद सिंह गौर, डॉ, सुरेश शर्मा,जनार्दन सुवेदी,डॉ.श्रीओम शर्मा, विजय नेतरीवाल, पंकज कोटियाल इत्यादि उपस्थित थे।

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