उत्तराखंडशिक्षा

छात्रों के सेमिनार में 100 पत्र पढ़े गये, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग में साहित्य विभाग का आयोजन

छात्रों के सेमिनार में 100 पत्र पढ़े गये, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग में साहित्य विभाग का आयोजन

देवप्रयाग। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग में आयोजित छात्र संगोष्ठी में 100 छात्रों ने शोध-पत्र वाचन किया। ‘श्रीरामायणज्ञानसत्रम्’ विषयक इस तीन दिवसीय सेमिनार में उत्कृष्ट शोध-पत्र वाचन के लिए सात छात्र-छात्राओं को नगद पुरस्कारों के लिए चुना गया।


साहित्य विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत साहित्य के सहायक आचार्य डॉ.कंचन तिवारी ने किया। उन्होंने रामराज्य की व्यवस्था का वर्णन करते हुए कहा कि रामायण से हमें परिवार और समाज में कर्तव्यों के उचित निर्वाह की प्रेरणा मिलती है। अयोध्या राज्य का शासन श्रेष्ठ और आदर्श शासन व्यवस्था का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इससे पहले साहित्य विभाग की संयोजिका प्रो.चंद्रकला आर.कोंडी ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की। वेद विभाग के संयोजक डॉ.शैलेंद्रप्रसाद उनियाल ने अतिथियों का स्वागत किया और डॉ.अनिल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
सेमिनार में संस्कृत में 76, हिंदी में 19 तथा अंग्रेजी में 5 पत्र पढ़े गये। कुल सौ प्रतिभागियों में श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर,बीवीजे संस्कृत महाविद्यालय,दून वैली कॉलेज,डीएवी कॉलेज कानपुर, पतंजलि गुरुकुल मुल्या गांव के विद्यार्थियों ने ऑफ लाइन और ऑनलाइन मोड में भाग लिया। ऑफलाइन में प्राक्शास्त्री स्तर से अंकुश सिन्हा, शास्त्री से मोनिका नौगाईं और आचार्य से नितिन पाटीदार को पुरस्कार के लिए चुना गया। ऑनलाइन मोड में प्राक्शास्त्री से ब्रह्मचारिणी अंकिता,शास्त्री से विवेकानंद एचवी तथा आचार्य से संजीव कुमार साहू तथा शिक्षा शास्त्री स्तर से गार्गी आर्या को पुरस्कार के लिए चुना गया। इन्हें एक-एक हजार रुपये नगद दिए जाएंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने छात्रों से वाल्मीकि रामायण से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे। उन्होंने कहा कि रामायण का हर चरित्र हमें कुछ न कुछ संदेश देता है। सभी छात्रों को इस ग्रंथ का गहन अध्ययन और विश्लेषण करना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर साहित्य विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.शैलेंद्र नारायण कोटियाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डॉ.सुशील बडोनी, डॉ.ब्रह्मानंद मिश्र, डॉ.वीरेंद्रसिंह बर्त्वाल, डॉ.अरविंदसिंह गौर, डॉ.श्रीओम शर्मा, पंकज कोटियाल, डॉ.सुरेश शर्मा, जनार्दन सुवेदी, डॉ.अमंद मिश्र, डॉ.सूर्यमणि भंडारी, डॉ.मनीषा आर्या, डॉ.धनेश, डॉ.रश्मिता आदि उपस्थित थे।
(डॉ.वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल, जनसंपर्क अधिकारी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *