टोला गांव में ‘लाल पानी’ की सैंपलिंग करेगा जल संस्थान
टोला गांव में ‘लाल पानी’ की सैंपलिंग करेगा जल संस्थान
देवप्रयाग। कीर्तिनगर विकासखंड के दूरस्थ गांव टोला के पेयजल की सैंपलिंग की जाएगी। इन नतीजों के आधार पर तय किया जाएगा कि गांव की पंपिंग योजना के लिए लगभग 20 साल पहले बिछायी गयी पाइप लाइन बदली जाए या नहीं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में की गयी शिकायत के आधार पर जल संस्थान यह कदम उठा रहा है।
डागर पट्टी के अंतर्गत टोला गांव अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में है। यहां अभी तक सड़क नहीं पहुंची है। इसका निर्माण कार्य चल रहा है। वर्षों पहले यहां पेयजल की भी समस्या थी। लोग गांव के नीचे से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर से ढोकर पानी घरों में पहुंचाते थे। आज से लगभग 25 साल पहले गांव के लिए पंपिंग योजना बनी, जो 2006 में चालू हुयी। गांव वालों का का कहना है कि योजना की मुख्य पाइप लाइन ऐसे लोहे की है, जिससे अधिक मात्रा में जंग पानी में घुल जाता है। बर्तनों से पानी हटाने के बाद वे लाल रंग के हो जाते हैं। अधिक दिन तक रखा पानी भी खराब हो जाता है। पाइपों की क्वालिटी सही न होने के कारण पानी में जंग घुलकर आ रहा है, ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
गांव के डॉ0 वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में इस आशय की शिकायत कर पाइप लाइन बदलने की मांग की थी। सीएम कार्यालय से आये संदेश पर हरकत में आया जल संस्थान अब गांव के पानी की सैंपलिंग कराने जा रहा है। जल संस्थान के जेई अमित रतूड़ी ने बताया कि यदि सैंपलिंग का परिणाम गड़बड़ आया तो जल संस्थान व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।