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घंटाकर्ण मंदिर में वेदपाठ और भजनों की प्रस्तुतियां, दाल्डुंग में नौ दिवसीय अनुष्ठान का समापन, रघुनाथ कीर्ति के छात्रों ने बटोरी वाहवाही

घंटाकर्ण मंदिर में वेदपाठ और भजनों की प्रस्तुतियां, दाल्डुंग में नौ दिवसीय अनुष्ठान का समापन, रघुनाथ कीर्ति के छात्रों ने बटोरी वाहवाही

देवप्रयाग। बडियारगढ़ क्षेत्र के दाल्डुंग गांव में श्री घंटाकर्ण देवता के नौ दिवसीय अनुष्ठान का समापन हो गया। अंतिम दिन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग के विद्यार्थियों की टीम ने मंदिर में सस्वर वेदपाठ किया और विभिन्न देवी-देवताओं के भजनों की प्रस्तुतियां दीं। बच्चों की ओर से प्रस्तुत मठियाणा माता के भजन पर देवात्मा भी प्रकट हुईं। कार्यक्रम में जीतू बगड्वाल की नृत्य नाटिका विशेष आकर्षण रही। छात्रों का मार्गदर्शन हिंदी प्राध्यापक डॉ0 वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने किया।

कीर्तिनगर विकासखंड की बडियारगढ़ पट्टी के दाल्डुंग गांव में घंड्याळ देवता के मंदिर में इस बार पूर्णकुंभीय जात (यज्ञ)का आयोजन किया गया। चोनी, नौड़ा, दाल्डुंग आदि गांवों के लोगों ने इस आयोजन में भागीदारी निभायी। अनुष्ठान में अलग-अलग दिनों में विभिन्न सांस्कृतिक दलों ने प्र्रस्तुतियां दीं। अंतिम दिन सोमवार को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के छात्रों ने लगभग चार घंटे तक प्रस्तुतियां दीं। परिसर के वेदपाठियों ने मंदिर में सस्वर वेदपाठ किया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां दीं। श्रीराम भगवान की स्तुति के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में बच्चों ने शिव, कृष्ण, नंदा, मठियाणा आदि देवी-देवताओं से जु़ड़ी प्रस्तुतियां दीं। छात्रों ने ’दैणा होयां खोळी का गणेश’ मांगल गीत के साथ बडियारगढ़ के श्री घंटाकर्ण का प्रसंग जोड़ते हुए प्रस्तुत किया। इसी प्रकार ’पैर-पैर गौरा तू’ नामक नंदा से जुड़ी गाथा के साथ भी श्री घंटाकर्ण का प्रसंग जोड़ते हुए प्र्रस्तुत किया गया। गीताजंलि ने शिव और कृष्ण से जुड़ी एकल भजन प्रस्तुतियां दीं, जबकि सुधांशु गौड़ ने देवी पर आधारित भजन प्रस्तुत किया। सूरज पैन्यूली के मठियाणा माता के भजन पर दो युवतियों पर देवात्मा प्रकट हो गई। आदित्य बिजल्वाण ने कृष्ण पर आधारित प्रस्तुतियां ’नाची जालो मोर’ तथा ’मधुवन मुरुली बाजदी’ दीं। पूजा नेगी और अनुष्का पोखरियाल ने ’देवों मा देव ठुला तिरजुगी नारैण’ भजन प्रस्तुत किया। अर्चना नौडियाल और गीतांजलि के स्वनिर्मित नागराजा जागर ’या ह्वेगी भगवान सुबेर की श्याम’ की प्रस्तुति दी। संस्कृति मेवाड़गुरु और ख्याति चौहान ने ’मेरे घर राम आये’ गीत पर शानदार नृत्य किया। शिवानी सती ने अर्चना की प्रस्तुति ’सीता पाणीक जांदी’ गीत समेत विभिन्न भजनों पर आकर्षक नृत्य किया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत नृत्य नाटिका ’जीतू बगड्वाल’ विशेष आकर्षण का केंद्र रही। गढवाल के बगूड़ी गढ़पति जीतू की लोकगाथा पर आधारित इस नृत्यनाटिका के मार्मिक अंत पर सभी दर्शक भावुक हो गये। जीतू का अभिनय शशांक चंदोला, उसकी पत्नी का अभिनय प्रियांशी, मां का अभिनय पूजा नेगी तथा आछरियों का अभिनय शिवानी,संस्कृति, ख्याति और अनुष्का ने किया। नृत्य नाटिका का निर्देशन हिंदी प्राध्यापक डॉ0 वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने किया। गायन सूरज पैन्यूली और प्रशांत धस्मान का था। अन्य प्रस्तुतियां देने वाले छात्रों में दिगंबर रतूड़ी, योगेश सेमवाल, वासु भट्ट,पूजा नवानी आदि शामिल थे। वेदपाठी छात्रों में हिमांशु पांडेय, प्रियांशु नौटियाल, प्रदीप द्विवेदी, लव, मोनू और कौशल शामिल थे।

इस अवसर पर प्रदीप गोदियाल ने श्री घंटाकर्ण की आरती तथा राजकीय इंटर कॉलेज, धद्दी घंडियाल के छात्र-छात्राओं ने भी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम के समापन पर डॉ0 वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल तथा प्रस्तुतियां देने वाले छात्रों को श्री घंटाकर्ण देवता पूजन समिति के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गैरोला तथा जिला पंचायत सदस्य अमित मेवाड़ ने स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

मंदिर में प्रवेश करते ही छात्रों की टीम ने देवता के दर्शन किये और परिसर निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम की ओर से मूर्ति अभिषेक हेतु भेंट किये गये गंगाजल कलश को मंदिर के पुजारी दाताराम गोदियाल को प्रदान किया।

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