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उत्तराखंड में इन्वेस्टर समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल, धामी सरकार ने ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा

उत्तराखंड में इन्वेस्टर समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल, धामी सरकार ने ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा

देहरादून_ दरअसल, धामी सरकार समिट के जरिए देश विदेश के निवेशकों को राज्य में आकर्षित करना चाहती है। धामी जानते हैं कि उत्तराखण्ड में गरीबी दूर करने के लिए रोजगार अवसर बढ़ाने होंगे। उद्योग आएंगे तो निवेश आएगा और रोजगार मिलेगा तो गरीबी दूर होगी। यही वजह है कि दिसंबर में प्रस्तावित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए धामी सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। राज्य में निवेश बढे, आर्थिक संसाधनों में वृद्धि एवं औद्योगिक वातावरण का सृजन हो, इसके लिए लैंड बैंक तैयार कर सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाया गया है। धामी इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि यह निवेश सिर्फ कागजों में न हो बल्कि शत प्रतिशत धरातल पर उतरे। उनकी योजना है कि निवेशकों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के मौके बढ़ेंगे और पलायन भी रूकेगा। और इसी के चलते
समिट का प्रोमोशन करने धामी अन्य राज्यों के साथ ही विदेश में भी रोड शो कर रहे है
और अब धामी मेहनत ने रंग दिखना आरम्भ कर दिया है…
जिसका परिणाम है अभी तक 65 हजार करोड़ से अधिक का एमओयू साइन होना.
धामी उद्योगपतियों को बता रहे है
कि उत्तराखण्ड का शांत वातावरण उद्यमियों के लिए सर्वथा अनुकूल है।
उत्तराखंड ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में देश में अचीवर्स की श्रेणी में अन्य कई बड़े राज्यों के समकक्ष आज खड़ा हुआ है।और पर्यटन, शिक्षा, इन्फ्रा, रियल एस्टेट से जुड़े समूहों के साथ निवेश के करार जारी है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में निवेश अनुकूल सिस्टम विकसित किया गया है
राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है।
धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार निवेशकों को राज्य में सभी प्राथमिक आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु सदैव तत्पर है और विशेष रूप से गत दो वर्षों में राज्य में निवेश आकर्षित करने की दिशा में सुनियोजित प्रयास किये हैं इसी कड़ी में उत्तराखण्ड में दिसम्बर, 2023 में “उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट – 2023 (डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड)” आयोजित किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड राज्य, प्रगतिशील औद्योगिक प्रोत्साहन नीतियों के कारण भारत में अपनी एक पृथक पहचान बनाने में सफल हुआ है। राज्य में औद्योगिक विद्युत दरें भारत के अन्य राज्यों की तुलना में कम है, राज्य में औद्योगिक सदभाव एवं उत्कृष्ट कानून व्यवस्था इसे और विशेष बनाते हैं। हमारा प्रदेश, हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण वरदान स्वरूप विविध कृषि जलवायु से समृद्ध क्षेत्र हैं, और ऑर्गेनिक कृषि के लिए अनुकूल है। वर्तमान में उत्तराखंड में दो मेगा फूड पार्क एवं चार फूड क्लस्टर बनाएं गए हैं, जो अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर रहे हैं। और हमारी डबल इंजन सरकार सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारीकरण के मंत्र को आत्मसात् कर काम कर रही है
हम पर्यटन, इन्फ़्रास्ट्रक्चर, फ़ूड प्रोसेसिंग, एरोमा एवं सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देकर राज्य के समग्र विकास के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने हेतु संकल्पबद्ध हैं
और हम निवेश के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले और प्राथमिक सेक्टर को मजबूत बनाने वाले प्रस्तावों एवं करारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रोत्साहित करेंगे हमने जो भी नीतियां बनाई हैं, वो निवेशकों, उद्योगों एवं उत्तराखण्ड के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई हैं

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