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शरीर के नए अंग लगाने में प्लास्टिक सर्जरी का अत्यधिक महत्त्व, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, देवप्रयाग में मैक्स के डॉक्टरों की व्याख्यान माला

शरीर के नए अंग लगाने में प्लास्टिक सर्जरी का अत्यधिक महत्त्व, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, देवप्रयाग में मैक्स के डॉक्टरों की व्याख्यान माला

देवप्रयाग। देहरादून स्थित प्रसिद्ध मैक्स अस्पताल की ओर से केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग के योग विभाग के बच्चों के लिए प्लास्टिक सर्जरी तथा हार्मोन एवं अन्य बीमारियों को लेकर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रबंधक रजत सिंह पटवाल के मार्गदर्शन में आयी चिकित्सकों की टीम ने बच्चों को आज के दौर में प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता और महत्त्व पर अनेक जानकारियां दीं।


एस्थेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन डॉ चिसेल भाटिया ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी जलने, दुर्घटनाओं में गंभीर चोट या अंगों के कटने तथा जन्म से किसी अंग के न होने की स्थिति में बहुत उपयोगी है। कुछ लोग सुंदर दिखने के लिए भी इसका उपयोग करने लगे हैं। यह प्रचलन बढ़ने लगा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी के कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।
इंडोक्रॉनोलॉजी विशेषज्ञ डॉ0 श्रेया शर्मा ने बताया कि आज अधिकांश बीमरियों का कारण हमारी गलत दिनचर्या और गलत आहार है। कुछ लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी लग जाती है, जबकि इनमें कुछ लोग मांस, धूम्रपान, मदिरा तथा गुटखा का भी सेवन नहीं करते। यह गलत आहार-बिहार तथा गलत खान-पान के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि योग इन बीमारियों से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है। शुगर से बचने के लिए शारीरिक कसरत के साथ ही ध्यान भी आवश्यक है, क्योंकि शुगर का संबंध तन के साथ मन से भी है।
इस अवसर पर योग विभाग के छात्रों ने चिकित्सकों से रोगों को लेकर अनेक प्रश्न किये। डॉक्टरों ने सभी छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत किया। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। परिसर निदेशक प्रो0 पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने चिकित्सकों की टीम का माल्यार्पण और अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 सुब्रह्मण्यम ने कहा कि योग विभाग के छात्रों के लिए ऐसे व्याख्यान महत्त्वपूर्ण हैं। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि केवल नौकरी के लिए ही पढ़ाई न करें, बल्कि समाजसेवा का जज्बा भी मन में रखें। आज समाज में नई-नई बीमारियां सुनाई दे रही हैं। योग की शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों का दायित्व है कि समाज को इस दिशा में जागरूक ही नहीं करें, उन्हें योग के लाभ बताते हुए इन बीमारियों से बचने के उपाय भी बताएं। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने किया। तकनीकी सहयोग रजत गौतम छेत्री ने किया। कार्यक्रम में नितिन पाटीदार, कीर्ति बड़ोदिया, अनुष्का, शिवानी आदि छात्र-छात्राओं ने डॉक्टरों ने सवाल पूछे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजनाएं इकाई के छात्र, एनएससी कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुरेश शर्मा तथा योग विभाग की प्राध्यापिका डॉ.रश्मिता आदि उपस्थित थे।

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